How to provide quality education to child?
बालकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराई जाए(How to provide quality education to child?)-
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How to provide quality education to child? |
1. वर्तमान समय में बालकों के रंग-ढंग ,चाल -चलन ,तौर- तरीके तथा कार्यप्रणाली को देखकर माता-पिता, अभिभावक, शिक्षकों तथा देश के प्रबुद्ध जन यह सोचने को विवश हो गए हैं कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराई जाए ?अधिकांश स्कूलों में बालकों को व्याख्यान विधि द्वारा पढ़ाया व समझाया जाता है जो कि एक वैज्ञानिक विधि मानी जाती है । साथ ही आधुनिक युग में व्याख्यान विधि शिक्षा के लिए उपयुक्त नहीं समझी जाती है।
2. मानव जीवन में शिक्षा एवं स्वास्थ्य दो ऐसी आवश्यकताएं है जो सरकारी स्तर पर निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। आज हम शिक्षा को गुणवत्ता बनाए रखने की कुछ टिप्स बताएंगे जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार करना संभव है।
3. शिक्षक पुराने व परंपरागत तरीके से ही शिक्षण उपलब्ध कराते हैं अतः शिक्षकों को समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स कराया जाए तथा रिफ्रेशर कोर्स में उन्हें नवीन तकनीकी की जानकारी दी जानी चाहिए । शिक्षकों को लीडरशिप के गुर सिखाएं जाए तथा उन्हें बताया जाए कि अपने शिक्षण के द्वारा बच्चों के सामने नई पहल करें । बच्चे पहेलियों, संगीत, मॉडल्स तथा खेल- खिलौने में रुचि रखते हैं। इसलिए उन्हें पहेलियों , संगीत, मॉडल्स तथा खेल -खिलौनों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाए ।अर्थात अपने शिक्षण में इनका प्रयोग करें।
4. शिक्षकों को प्रशिक्षित करने से शिक्षा संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। शिक्षकों को तकनीकी व नई - नई जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी तो वह अप टू डेट रहेंगे।
5.समाज के हर वर्ग के लोगों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए नवीन तकनीकी की जानकारी और उसका इस्तेमाल किया जाना आवश्यक है ।इसके लिए शिक्षक-अभिभावक बैठक आयोजित की जानी चाहिए।अभिभावकों को बताया जाए कि बच्चों पर सतत निगरानी रखना उनका कर्त्तव्य है ।केवल शिक्षा संस्थानों पर जिम्मेदारी डाल कर अपने कर्तव्य से विमुख ना हो।
6.अभिभावकों का कर्तव्य है कि शिक्षकों के साथ-साथ अपने बच्चों को समय दें।शिक्षा संस्थान और पाठ्यक्रम से संबंधित वार्तालाप करें और उसके उपरांत नियमित रूप से विद्यालय में शिक्षकों से मिले और अपने बच्चे की प्रगति रिपोर्ट जांच पर चर्चा करें
7.जब शिक्षा संस्थान, शिक्षक और अभिभावक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ आधारभूत एवं मूलभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे तो बालकों में निश्चित रूप से परिवर्तन लाया जा सकेगा
8.यहां यह स्पष्ट करना भी आवश्यक है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से क्या तात्पर्य है? गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में चारित्रिक शिक्षा ,व्यवहारिक शिक्षा शामिल है। ऐसी शिक्षा बालकों को व्यवहारिक जीवन में आने वाली वास्तविक कठिनाइयों से तो परिचित कराती ही है साथ ही उन कठिनाइयों तथा समस्याओं को मुकाबला और समाधान करना सिखाती है।
9.वर्तमान में युवा वर्ग डिग्री हासिल करके जब जीवन क्षेत्र में उतरना है तो जीवन की वास्तविक घटनाओं से मुकाबला होते ही भाग खड़ा होता है। उसे इन कठिनाइयों से मुकाबला करना सिखाया नहीं जाता है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि माता-पिता ,अभिभावक नहीं चाहते हैं कि बच्चे खतरों का सामना करें ।यह स्वभाविक भी है परंतु खतरो का सामना करना आवश्यक भी है। अतः माता-पिता व अभिभावक ढाल बनकर न रहे बल्कि एक सहायक के रूप में रहे ।जैसे यदि बालक को तैरना सीखना है तो पानी में तो कूदना ही पड़ेगा ।लेकिन बालक जब डूबने लग जाए तब उसे पकड़ा जाए और डूबने से कैसे बचा जाता है यह बताया जाए। यदि हम केवल उसे तैरने की किताब पढ़ा कर उसे पानी में नहीं उतारेंगे अर्थात ढाल बनकर रहेंगे तो ऐसा बालक जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना नहीं कर पाएगा।केवल किताबी ज्ञान ही न देकर व्यवहारिक व क्रियात्मक ज्ञान भी दिया जाना चाहिए, जिससे बालक स्वयं समस्याओं का समाधान करना सीखें।
इस आर्टिकल में हमने बालकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध कराई जाए? (How to provide quality education to child?) के बारे में सीखा।
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