how to recognize talent in children?
बालको की प्रतिभा को कैसे पहचाने? (how to recognize talent in children?)-
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how to recognize talent in children? |
1.अक्सर हमारे दिमाग में यह प्रश्न उठता रहता है कि बालकों में किस प्रकार की प्रतिभा है तथा उसको कैसे पहचाने ? बालक दिन- प्रतिदिन जो मैं जो भी क्रिया- प्रतिक्रिया तथा गतिविधियां करता है उसके आधार पर हम उनकी प्रतिभा का पता लगा सकते हैं।
2.बालकों की प्रतिभा को पहचानने के लिए माता-पिता, अभिभावक तथा शिक्षकों का आपस में संवाद अर्थात् वार्तालाप होना आवश्यक है।3.बालक कई प्रकार की रुचियां तथा जिज्ञासा प्रकट करता है उनमें से जिस कार्य की रुचि व जिज्ञासा बार-बार प्रकट करता है उसके आधार पर उनकी प्रतिभा को पहचाना जा सकता है। जैसे वह कोई खेल- खेलने के लिए बार-बार आग्रह करता है या नृत्य करने के लिए, अथवा गीत या भजन को सुनने के लिए बार-बार जिज्ञासा व रूचि प्रकट करता है तो उसको उस क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उस क्षेत्र में उसको बार-बार अवसर प्रदान करना चाहिए।
4.शिक्षकों से मिलकर यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि वह किस विषय में सबसे अधिक अंक उर्जित करता है तथा किस विषय में उसकी रुचि है।साथ ही विद्यालय में कई ऐसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं जैसे वार्षिकोत्सव , गांधी जयंती इत्यादि के जो भी कार्यक्रम आयोजित होते हैं तो बालक उनमें से किस गतिविधि में भाग लेने की रुचि व जिज्ञासा प्रकट करता है।
5. कुछ बालक अंतर्मुखी तथा कुछ बालक बहिर्मुखी होते हैं। जो बालक बहिर्मुखी होते हैं वे तो अपनी रुचि व जिज्ञासा प्रकट करते रहते हैं तथा उनकी चाल-चलन व व्यवहार से भी प्रकट हो जाता है कि ऐसे बालक में किस प्रकार की प्रतिभा है।परंतु अंतर्मुखी बालकों की प्रतिभा को पहचानना टेढ़ी खीर है।अंतर्मुखी बालकों की प्रतिभा को पहचानने के लिए एक कुशल गुरु की आवश्यकता होती है अर्थात् माता-पिता व शिक्षकों को मनोविज्ञान, व्यवहार शास्त्र तथा दर्शन का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है।
6.अंतर्मुखी बालक अपनी रुचि व जिज्ञासा प्रकट न करें और उनके चाल-चलन तथा व्यवहार से भी आपको उनकी प्रतिभा का पता नहीं चल पा रहा हो तो हमें उनके समक्ष अपनी तरफ से पहल करके पता लगाना चाहिए।जैसे आप उनसे किसी भजन को याद करके सुनने के लिए कह सकते हैं या उन्हें अपने साथ नृत्य करने के लिए कह सकते हैं। यदि उनमें प्रतिभा होगी तो वह सहर्ष तैयार हो जाएगा और उनके अंदर छुपी हुई प्रतिभा प्रकट हो जाएगी। नृत्य, खेल ,संगीत ,भजन इत्यादि में कोई प्रतिभा नहीं होती है तो पढ़ाई के विषय में उनकी प्रतिभा को ढूंढने का प्रयास करना चाहिए।जैसे गणित में उनकी प्रतिभा है या नहीं इसके लिए घर पर कोई प्रश्न या टेस्ट लेकर परखा जा सकता है। उनको कोई प्रश्नावली समझा कर कुछ भी पूछ कर पता लगाया जा सकता है।एक- दो बार आप अपनी तरफ से पहल करें बाद में यदि बालक उस क्षेत्र में स्वयं अपनी इच्छा से कुछ भी करने के लिए रुचि जागृत करता है तो समझ ले कि बालक में उस क्षेत्र में प्रतिभा है। उस क्षेत्र विशेष का पता लगाकर धीरे-धीरे उसको प्रशिक्षित करें।आगे बढ़ाएं और उस क्षेत्र में नए-नए अवसर उनके सामने प्रस्तुत करें ताकि बालक उस में भाग ले सकें इस प्रकार उनकी प्रतिभा को निखारा जा सकता है।
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